covid causing heart attack

COVID-19 संक्रमितों में हो रही हार्ट अटैक की समस्या, जानें क्या है लक्षण और उपचार के उपाय

कोरोना भारत स्वास्थ्य

पूरे देश में जैसे कोरोना महामारी (Corona epidemic) का आतंक छाया हुआ है, जिसके चलते हर किसी के मन में डर बसा हुआ है। वर्तमान समय ऐसा है कि हर दिन लाखों की तादात में कोरोना संक्रमित (Corona infected) सामने आ रहे हैं। वहीं कई हजार लोगों की जान भी जा रही है। एक ओर जहां अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी (Lack of oxygen) देखी जा रही है, वहीं मरीजों को बेड भी नसीब नहीं हो रही है। साथ ही गरीब वर्ग और मध्यम वर्ग के लोगों को इस समय काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि ज्यादातर लोग बेरोजगार है। ऐसे में उनके मन में डर बढ़ता ही जा रहा है। कोरोना महामारी की दूसरी लहर चल रही है, जिसमें देखा जा रहा है कि ज्यादातर कोरोना मरीजों को हार्ट से संबंधित दिक्कतें आ रही है। जिसके चलते हार्ट अटैक (Heart Attack) से उनकी मौत हो रही है। कोरोना संक्रमण में हार्ट को सबसे ज्यादा नुकसान होता है, जिससे हार्ट की प्रॉबलम (Heart problem) लंबे समय में रिकवर होती है। ऐसे समय में अगर ध्यान नहीं देने और उम्र अधिक होने के कारण उनमें हार्ट अटैक (Heart attack) की शिकायतें आ रही है।

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कोविड-19 मरीजों को क्यों सता रहा है हार्ट अटैक का डर

देश में कई लोग ऐसे हैं जिनमें कोरोना संक्रमण के लक्षण (Symptoms of corona infection) होने के बावजूद भी वह डर के कारण टेस्ट कराने के लिए अस्पतालों तक नहीं पहुंच रहे हैं, जो इस वायरस को और खतरनाक बना रहा है। कोरोनाकाल में लोगों का जागरूक होना बेहद जरूरी है, ऐसे समय में उन्हें यह जानना अति आवश्यक है कि कोरोना पॉजिटिव लोगों को हार्ट अटैक (Heart attack) क्यों हो रहा है और इसके लक्षण क्या है। साथ ही इसका उपचार क्या हैं? इस लेख में हम कोरोना मरीज में होने वाले हार्ट अटैक के लक्षण (symptoms of heart attack) और उसके उपचार के संबंध में बात करेंगे।

इन दिनों कोविड-19 से ठीक हुए मरीजों में देखी जा रही है हार्ट डैमेज की समस्या

हेल्थ अथॉरिटीज (Health authorities) ने कहा है कि 80 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों को हॉस्पिटलाइजेशन की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। वे लोग घर पर ही सही उपचार लेकर कोरोना को मात दे सकते है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि कोरोनावायरस का इन्फेक्शन लंबे समय तक शरीर में रह सकता है और इन दिनों तो हार्ट (Heart) डैमेज की काफी समस्याएं देखी जा रही है। इस पर एक ऑक्सफोर्ड जनरल (Oxford general) ने स्टडी की है, जिसमें पता चला है कि कोविड-19 से पीड़ित मरीजों में 50 प्रतिशत मरीज हॉस्पिटलाइज्ड होने के बाद रिकवरी हो गए, लेकिन महीने भर बाद उनमें हार्ट डैमेज की समस्या (Heart damage problem) होने लगी। इसलिए बेहद जरूरी है कि कोरोना मरीज के रिकवरी हो जाने के बाद भी उनका हार्ट रेट चेक करते रहे। इसको अनदेखा नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह आगे चलकर बहुत बड़ा जान का खतरा साबित हो सकता है।

कोविड-19 से संक्रमित मरीजों के हार्ट (Heart) को है ज्यादा खतरा

कोरोना मरीजों में हार्ट की समस्या आने को लेकर एक्सपर्ट्स ने कहा है कि कोरोना संक्रमित मरीजों में यह वायरस इन्फ्लेमेशन को ट्रिगर करता है, जिसके चलते हार्ट की मांसपेशियां कमजोर (Muscle weak) होने लग जाती है और ह्रदय गति भी प्रभावित होती है। इन्ही कारणों के चलते हार्ट अटैक की संभावना (Chance of heart attack) बढ़ जाती है। ये तो हम सभी जानते हैं कि हमारे ह्रदय से ही रक्त शुद्ध होकर पूरे शरीर में जाती है, लेकिन अगर हार्ट की मांसपेशियां (Heart muscle) खून को उतनी ही शुद्धता के साथ पम्प करने में सक्षम नहीं होती जितना उसको जरूरत होता है। इस स्थिति में संकुचित धामनियां (Compressed arteries) और हाई ब्लड प्रेशर (High blood pressure) हार्ट को जरूरत के अनुसार पंपिंग के लिए कमजोर कर देता है और अगर इसका समय रहते इलाज नहीं किया गया, तो स्थिति ज्यादा खराब हो सकती है। मरीज को समय रहते सही इलाज नहीं मिलने की स्थिति में उसका हार्ट फेल (Heart failure) हो सकता है।

जानें इस संबंध में डॉक्टर्स क्या कहते हैं

डॉक्टर्स कहते हैं कि कोरोना संक्रमित लोगों को यदि सीने में दर्द की समस्या होती है या फिर उन्हें इससे पहले किसी भी तरह से दिल से संबंधित बीमारी थी तो वह आवश्यक तौर पर इमेजिंग करवाएं जिससे पता चल सके कि वायरस ने हार्ट को कितना नुकसान पहुंचाया है। ऐसा वे लोग भी करा सकते है जिनको थोड़ा बहुत लक्षण दिखाई दे रहा हो, जिससे उन्हें काफी मदद मिलेगी और वह समय रहते अपना इलाज शुरू कर पाएंगे। एक्सपर्ट्स का कहना है कि वायरस बेहद हद तक इंसानों के हार्ट को डैमेज कर रहा है। यह वायरस हार्ट में क्लॉटिंग की समस्या को बढ़ा देता है। जिससे खून के थक्के जमने लग जाते हैं। यह खून के थक्के फेफड़ों के साथ धमनियों में भी जम सकते है, इस तरह की समस्या होने पर मरीजों में हार्ट अटैक की संभावना बेहद हद तक बढ़ जाती है। जिसका समय रहते इलाज कराना जरूरी है।

कोरोनावायरस की दूसरी लहर युवाओं को कर रही सबसे ज्यादा प्रभावित

इस संबंध में मेदांता अस्पताल के चेयरमैन डॉक्टर नरेश त्रेहन (Dr. Naresh Trehan, Chairman of Medanta Hospital) ने भी कुछ ऐसा ही कहा है, उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में कम आयु के लोग ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं। जिनमें हार्ट की समस्या भी देखने को मिल रही है। उन्होंने यह भी बताया कि इस बार जो केस आ रहे है उसमें मरीजों की हार्ट पंपिंग रेट (Heart pumping rate) 20 से 25 फीसदी तक भी चला जाता है, जिससे समस्या और भी गंभीर हो रही है।

हृदय से संबंधित समस्या होने पर जानें क्या होता है इसके लक्षण

अब हम यदि इसके लक्षण की बात करें तो सबसे पहला लक्षण तो यही आता है कि मरीज को सांस लेने में दिक्कत होने लग जाती है। इसके साथ ही शरीर में कमजोरी और थकावट भी होने लगती है। धीरे-धीरे मरीज के पंजे और पैर में सूजन भी देखने को मिलता है। इसके अलावा हृदय की गति तेज और अनियमित होने लग जाती है। यदि कोई व्यक्ति प्राणायाम या फिर वर्कआउट करता है तो उसकी क्षमता कम होने लगती है। कई बार ऐसा भी देखा जाता है कि ऐसे मरीजों को भूख नहीं लगती और उनका वजन भी बढ़ने लग जाता है। इस तरह के लक्षणों को नजरअंदाज ना करें और जल्द से जल्द डॉक्टर की सलाह ले कर इलाज शुरू करवाएं। जिससे समय रहते ही इस तरह की समस्या से बचा जा सके।

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जानें क्या है इसका इलाज

कोरोना संक्रमितों में ह्रदय से संबंधित समस्या दिखाई देने पर अगर शुरुआती समय में ही इसका इलाज किया जाए तो इसे कंट्रोल में रखा जा सकता है। जिसके लिए कई तरह की सावधानियां एक्सपर्ट्स बताते है। अगर समस्या गंभीर होती दिखाई दे तो इसके इलाज के रूप में LVAD (लेफ्ट वेंट्रीकुलर असिस्ट डिवाइस) के साथ थैरेपी के अलावा हार्ट का ट्रांसप्लांट (Heart transplant) भी करा सकते है। जिससे बढ़ती हुई समस्या को कंट्रोल में रखा जा सके।

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