CT Scan For Corona Patient

सावधान: Corona मरीज बेवजह ना कराएं CT स्कैन, हो सकता है कैंसर

कोरोना भारत

देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर (Second Wave) से लोग इन दिनों बेहद परेशान हैं। इस बार कोरोना बार-बार रूप बदल कर जानलेवा वार कर रहा है। कोविड (Covid) का ये नया स्ट्रेन (New Strain) इतना खतरनाक हो गया है कि कई बार वो आरटी-पीसीआर (RT-PCR) टेस्ट को भी चकमा दे देता है। इसीलिए कई लोग आज-कल बिना किसी डॉक्टर के सलाह के ही अपना सीटी स्कैन (CT Scan) करावा रहे हैं। दरअसल, देश में पिछले कुछ दिनों में हालात इस कदर बिगड़े हैं कि लोग घबराकर किसी की भी सलाह को मान लेते हैं और कोरोना जब RT-PCR टेस्ट के पकड़ में नहीं आता है तो लोग CT स्कैन के जरिए इसका पता लगाते हैं। कुछ लोग तो बार-बार अपना CT स्कैन करा रहे हैं, लेकिन अगर आप भी ऐसा कर रहे हैं तो सावधान हो जाइए। क्योंकि ये आपके लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता हैं, ऐसे में सवाल उठता है कि अगर RT-PCR टेस्ट में कोरोना पकड़ में ना आए तो फिर क्या करना चाहिए? CT स्कैन पर आखिर क्यों सावधानी है ज़रूरी? तो आज हम आपको बताएंगे कि CT स्कैन को लेकर क्या है विशेषज्ञों की राय?, क्या कहती है रिसर्च?, क्या है इसके दुष्परिणाम? और अगर RT-PCR में कोविड पकड़ में ना आए तो आपको क्या करना चाहिए?

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सीटी स्कैन (CT Scan) क्यों खतरनाक?

अगर RT-PCR टेस्ट में कोरोना पकड़ में नहीं आया तो खुद से CT स्कैन कराने का फैसला बेहद खतरनाक है और ये बात हम नहीं बल्कि देश के सबसे बड़े अस्पताल के सबसे बड़े डॉक्टर यानी दिल्ली एम्स (AIIMS) के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया (Dr. Randeep Guleria) कह रहे हैं। डॉ. गुलेरिया ने बताया कि ‘अगर किसी में कोरोना के हल्के लक्षण हैं तो CT स्कैन की कोई जरूरत ही नहीं है, लेकिन आजकल CT स्कैन और बायोमार्कर का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। जबकि एक सीटी स्कैन (CT Scan) 300 चेस्ट एक्स रे (X-Ray) के बराबर होता है। यह काफी हानिकारक है।’ एम्स के निदेशक डॉ. गुलेरिया ने कहा कि बहुत से लोग आजकल सीटी स्कैन करा रहे हैं। जब सीटी स्कैन की जरूरत नहीं है तो उसे कराकर आप खुद को नुकसान ज्यादा पहुंचा रहे हैं क्योंकि आप खुद को रेडिएशन (Radiation) के संपर्क में ला रहे हैं। इससे कैंसर (Cancer) होने की संभावना बढ़ सकती है।

क्या कहती है रिसर्च ?

दरअसल, कोरोना वायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर में ही CT स्कैन को लेकर अफरा तफरी मची है। क्योंकि इस बार म्यूटेशन (Mutation) की वजह से कोरोना आसानी से पकड़ में नहीं आ रहा तो लोगों को CT स्कैन इसका आसान विकल्प लगा। लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञ साफ कह रहे हैं कि CT स्कैन का फैसला सिर्फ डॉक्टर ही कर सकते हैं। डॉ. गुलेरिया पहले ऐसे डॉक्टर नहीं हैं, जिन्होंने सीटी स्कैन से होने वाले खतरे को लेकर आगाह किया हो उनसे पहले भी कई रिसर्च में ये बातें सामने आ चुकी हैं। इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी यानी (IAEA) के मुताबिक सीटी स्कैन (CT Scan) कराने से बाद में कैंसर (Cancer) का खतरा हो सकता है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (Harvard University) की स्टडी भी कहती है कि सीटी स्कैन रेडिएशन (Radiation) कैंसर पैदा कर सकता है। हार्वर्ड के मुताबिक, CT स्कैन से सीना, एब्डोमेन, पेल्विस में सबसे ज्यादा कैंसर का खतरा होता है। अमेरिका के नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट (National Cancer Institute) हर 2000 CT स्कैन में से एक में आगे चलकर कैंसर होता है।

क्या है CT स्कैन और कैसे करता है काम?

कम्प्यूटर टोमोग्राफी (Computed Tomography) यानी CT स्कैन, जिसका मतलब है किसी भी चीज को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटकर उसका अध्ययन करना। CT स्कैन कई तरह की बीमारियों का पता लगाने में कारगर है। ये शरीर के भीतर की फोटोकॉपी मशीन की तरह काम करता है। जिससे शरीर के भीतर का पूरा स्ट्रक्चर दिख जाता है। उसी आधार पर डॉक्टर कई गंभीर बीमारियों का इलाज करते हैं। कोरोना मामले में जो CT स्कैन डॉक्टर कर रहे हैं, वो है एचआरसीटी (HRCT) चेस्ट यानी सीने का हाई रिजोल्यूशन कंप्यूटराइज्ड टोमोग्राफी स्कैन (High-Resolution Computer Tomography Scan) है। इस टेस्ट के जरिए फेफड़ों की एक 3डी (3D) इमेज बनती है, जो काफी बारीक डिटेल्स बताती है। इससे पता चलता है कि फेफड़ों में किसी तरह का कोई संक्रमण (Infection) है या नहीं? लेकिन एक्स रे (X-Ray) की तुलना में CT स्कैन काफी ज्यादा रेडिएशन (Radiation) निकलता है जो शरीर के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। उदाहरण के लिए 0.1 mSv रेडिएशन एक्सरे से (X-Ray) निकलती है, जबकि 7 mSv रेडिएशन सीटी स्कैन (CT Scan) से निकलती है, जो एक्सरे से 70 गुना ज्यादा है। इसलिए कोविड-19 (Covid-19) के संदेह में हल्के लक्षणों (Mild Symptoms) को लेकर सीटी स्कैन कराने का फैसला जोखिम भरा हो सकता है।

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RT-PCR में कोरोना पकड़ में ना आए तो क्या करें ?

अब सवाल है कि हल्के लक्षणों (Mild Symptoms) में सीटी स्कैन का फैसला मेडिकल नजरिए से सही नहीं है लेकिन जब आरटी-पीसीआर (RT-PCR) में कोविड-19 पकड़ में ना आ रहा हो तो क्या करें। AIIMS के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया कहते हैं कि हल्के, गंभीर मामलों में सीटी स्कैन से पहले एक्स रे सही विकल्प हो सकता है। लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर सीटी स्कैन भी जरूरी हो तो उसका फैसला सिर्फ डॉक्टर को करने दें। ये देख कर सीटी स्कैन (CT Scan) ना कराएं कि किसी और ने कराया तो आप भी करा कर देखें। कोरोना महामारी (Corona Epidemic) गंभीर है लेकिन उसके खिलाफ दहशत में आना महामारी में आपको किसी और खतरें में ना डाल दें, इसलिए सवधान और सतर्क रहना जरूरी है।

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